ईरान ने दी अंतिम चेतावनी
भारत सोच ले वर्ना गैस चली जाएगीचीन(अरुण सिंगला) 16 सितम्बर। ईरान से प्रस्तावित गैस पाइपलाइन समझौते पर पाकिस्तान के अड़ंगे के बाद आए ठहराव को लेकर अब ईरान ने अंतिम चेतावनी के रूप में मामले को सुलझाने की धमकी देते हुए कहा है कि अगर भारत-पाक इस मामले में एक राय नहीं हुए तो गैस पाइपलाइन की परियोजना चीन को दे दी जाएगी। भारत में ईरान के राजदूत का कहना है कि अब ईरान इस महत्वाकांक्षी परियोजना को चीन के साथ मिलकर पूरा करने का इरादा कर रहा है लेकिन पहले भारत-पाकिस्तान की ओर से स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार है। ईरानी राजदूत ने उम्मीद जताई कि त्रिपक्षीय समझौते पर सहमति हो जाएगी ताकि ईरान को किसी और देश से बातचीत न करनी पड़े। गौरतलब है कि भारत, ईरान और पाकिस्तान के साथ मिलकर गैस पाइपलाइन योजना से जुड़ा रहा है लेकिन वह पिछले कुछ समय से बातचीत से दूर है। भारत 2007 में इस बातचीत से अलग हो गया था। इस बीच भारत का कहना है कि बातचीत से पहले इस बात पर सहमति हो कि पाकिस्तान से गुजरने वाली पाइपलाइन की ट्राजिट से जुड़ी कीमत द्वि-पक्षीय स्तर पर तय की जाए। मई 2007 में पाकिस्तान के राष्ठ्रपति आसिफ अली जरदारी ईरान के दौरे पर गए थे और उसी दौरान दोनों देशों ने गैस पाइपलाइन पर समझौता कर लिया था। लेकिन यह नहीं बताया गया था कि योजना से जुड़े सारे मुद्दे सुलझा लिए गए हैं या नहीं। इस गैस पाइपलाइन को शुरू में 2.2 अरब क्यूबिक फीट गैस भारत और पाकिस्तान को पहुँचाना था। भारत और पाकिस्तान के बीच आर्थिक मुद्दों पर सहयोग अधिक नहीं है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि व्यवसायिक रिश्तों को मजबूत करने से आपसी रिश्ते सुधारने में मदद मिलेगी। दुनिया में रूस के बाद ईरान में ही गैस का सबसे बड़ा भंडार है।
भारत सोच ले वर्ना गैस चली जाएगीचीन(अरुण सिंगला) 16 सितम्बर। ईरान से प्रस्तावित गैस पाइपलाइन समझौते पर पाकिस्तान के अड़ंगे के बाद आए ठहराव को लेकर अब ईरान ने अंतिम चेतावनी के रूप में मामले को सुलझाने की धमकी देते हुए कहा है कि अगर भारत-पाक इस मामले में एक राय नहीं हुए तो गैस पाइपलाइन की परियोजना चीन को दे दी जाएगी। भारत में ईरान के राजदूत का कहना है कि अब ईरान इस महत्वाकांक्षी परियोजना को चीन के साथ मिलकर पूरा करने का इरादा कर रहा है लेकिन पहले भारत-पाकिस्तान की ओर से स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार है। ईरानी राजदूत ने उम्मीद जताई कि त्रिपक्षीय समझौते पर सहमति हो जाएगी ताकि ईरान को किसी और देश से बातचीत न करनी पड़े। गौरतलब है कि भारत, ईरान और पाकिस्तान के साथ मिलकर गैस पाइपलाइन योजना से जुड़ा रहा है लेकिन वह पिछले कुछ समय से बातचीत से दूर है। भारत 2007 में इस बातचीत से अलग हो गया था। इस बीच भारत का कहना है कि बातचीत से पहले इस बात पर सहमति हो कि पाकिस्तान से गुजरने वाली पाइपलाइन की ट्राजिट से जुड़ी कीमत द्वि-पक्षीय स्तर पर तय की जाए। मई 2007 में पाकिस्तान के राष्ठ्रपति आसिफ अली जरदारी ईरान के दौरे पर गए थे और उसी दौरान दोनों देशों ने गैस पाइपलाइन पर समझौता कर लिया था। लेकिन यह नहीं बताया गया था कि योजना से जुड़े सारे मुद्दे सुलझा लिए गए हैं या नहीं। इस गैस पाइपलाइन को शुरू में 2.2 अरब क्यूबिक फीट गैस भारत और पाकिस्तान को पहुँचाना था। भारत और पाकिस्तान के बीच आर्थिक मुद्दों पर सहयोग अधिक नहीं है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि व्यवसायिक रिश्तों को मजबूत करने से आपसी रिश्ते सुधारने में मदद मिलेगी। दुनिया में रूस के बाद ईरान में ही गैस का सबसे बड़ा भंडार है।
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