नेशनल न्यूज़ १५-०९-०९
डबवाली न्यूज़ (अरुण सिंगला)15 हजार सीटों की काउंसलिंग पर रोक...बी।एड। कॉलेजों को राहत,7 कॉलेजों के पक्ष में न्यायालय ने दिए निर्देश... महानगर संवाददाता॥ जयपुर, 15 सितम्बर। हाइकोर्ट के निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने कल बीएड की करीब 15 हजार सीटों के लिए चल ...रही तीसरी काउंसलिंग रोक दी है।विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि ऐसा हाइकोर्ट के निर्देशों की पालना में किया गया है। शिक्षा विभाग में स्कूल शिक्षा के प्रमुख शासन सचिव ललित के। पंवार ने बताया कि कल हाइकोर्ट ने सत्र 2009-10 के लिए सात बीएड कॉलेजों को मान्यता देकर पीटीईटी की काउंसलिंग में शामिल करने संबंधी निर्देश दिए हैं। आज विभाग न्यायालय के इस निर्णय पर विचार करके काउंसलिंग का आगामी कार्यक्रम तय कर लेगा। मिली जानकारी के मुताबिक हनुमानगढ़ के श्याम शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान और झुंझुनूं के वर्षा, नीलकण्ठ समेत चार अन्य शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों ने मान्यता के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। इन्हें सत्र 2008-09 के लिए मान्यता के लिए आवेदन करने के बावजूद सरकार से मान्यता नहीं मिल सकी थी, जबकि उस समय एनसीटीई के अधीन इन कॉलेजों के मान्यता संबंधी प्रकरण विचाराधीन थे। इसके बाद गत वर्ष 17 नवम्बर को राज्य सरकार ने एक निर्देश जारी करके वर्ष 2009-10 में बी।एड. कॉलेजों की भरमार हो जाने का हवाला देते हुए किसी भी नए बीएड कॉलेज को मान्यता नहीं देने के निर्देश जारी कर एनसीटीई को इसकी सूचना भिजवाई थी। इसके बाद सत्र 2009-10 के लिए किसी भी नए कॉलेज को मान्यता नहीं मिली। वर्तमान में राज्य के 783 बीएड कॉलेजों की करीब 91 हजार सीटों के लिए इस बार बीएड की काउंसलिंग शुरू की गई थी। तीसरी काउंसलिंग की 15 हजार सीटों के लिए करीब 18 हजार अभ्यर्थियों को वरीयता के आधार पर शामिल किया गया था। इनमें से 16 हजार 385 ने रजिस्ट्रेशन फीस जमा करवाकर कॉलेजों के विकल्प लॉक कर दिए थे। कल रात कॉलेज आवंटन किए जाने थे, लेकिन दिन में न्यायालय के निर्णय की जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग ने फिलहाल काउंसलिंग रोक दिए जाने के निर्देश जारी किए। अब बीएड में सात सौ सीटें और बढ़ जाएंगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दो तीन दिन में काउंसलिंग का नया कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि काउंसलिंग को निरस्त नहीं कर दुबारा से ऑप्शन की प्रक्रिया पूरा करवाने के साथ ही बढ़ाई गई सात सौ सीटों को भी शामिल किया जाएगा। इससे सात सौ पात्र अभ्यर्थियों को सीएड करने का मौका मिल सकेगा। यह भी कहा जा रहा है कि राज्य सरकार के नए बीएड कॉलेजों को मान्यता नहीं देने के 17 नवम्बर 08 के निर्णय पर एनसीटीई राज्य सरकार के पक्ष में हाइकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में बीएड कॉलेजों के खिलाफ गई। सुप्रीम कोर्ट ने वापस मामला हाइकोर्ट को भेज दिया था। इसके बाद न्यायालय द्वारा याचिका दायर करने वाले बीएड कॉलेजों के पक्ष में निर्णय देते हुए इन्हें राहत देने की बात कही जा रही है।
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